टिहरी। 21 वर्षों से अधर में लटकी पड़ी गूलर-सालब-घेराधार मोटर मार्ग निर्माण व क्षेत्र में विगत वर्ष आई आपदा से हुए नुकसान के मुआवजे की मांगों को लेकर किसान सभा के बैनर तले दुबलियाण, तिमली, मंज्याड़ी, सालब,कखूर व घेराधार के आदि क्षेत्र के ग्रामीणों ने पहली जून से दुबलियाण में धरना/प्रदर्शन करते हुए,आंदोलन की अलख जगा दी है।
ग्रामीणों के मुताबिक, हैरतअंगेज करने वाली बात तो ये है कि लगातार लिखा पढ़ी के बावजूद भी 21 वर्षों बाद, 10 किलोमीटर की गयी सड़क की प्रारंभिक कटिंग इतनी घटिया है कि जगह-जगह सड़क पर गड्ढे पड़े हैं, पुश्ते टूटे हुए हैं। ग्रामीणों का गुस्सा इसलिए भी फूट पड़ा कि पीडब्ल्यूडी ने सड़क को आधा अधूरा काटकर बीच जंगल में छोड़ दिया है, जिस कारण इस सड़क का उपयोग 10 किलोमीटर कटने के बाद भी लटका है।
फ़िलहाल, काटी गयी सड़क को देखते हुए क्षेत्र के पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत धरना स्थल पर गए। उन्होंने ग्रामीणों की मांगों को जायज ठहराते हुए धरना/प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन किया। धरना स्थल से ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग के एक्शन को घटनाक्रम के बारे में बताते हुए सड़क निर्माण व मुआवजे की कार्रवाई करने को कहा।
क्षेत्र में सड़क न बनने के कारण गरीब ग्रामीणों को खच्चरों से ढुलान कई गुना पड़ रहा है। बीमारों को 12 से 15 किलोमीटर पैदल कंधों पर उठाकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। आज भी क्षेत्र के लोग 18 वीं सदी में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार लिखा पढ़ी के बाद जब उनकी कहीं नहीं सुनी गई, तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। साथ ही कि यदि सरकार व शासन ने उनकी मांगों को हल करने के प्रति कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित नहीं की तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।