हाल ही में हुई जोशीमठ की त्रासदी तथा अल्मोड़ा जिले में भीषण अनियंत्रित आग हमे दहलाकर रख देती है। उत्तराखंड के लिए यह कोई नया विषय नहीं रहा है। समाज का हर वर्ग आज पर्यावरण को लेकर चिंतित है और इसी के परिणामस्वरूप उत्तराखंड में विभिन्न पर्यावरण सम्बंधित अभियान लोगों द्वारा चलाये जाते रहे हैं। ऐसा ही पर्यावरण को संरक्षित करने का एक अभियान हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र श्री आयुष वर्मा जी द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने इस अभियान की शुरुआत मार्च 2022 में की थी और इस अभियान का नाम रखा “सेव माउंटेन सेव हिमालय”। वह युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवी भी हैं। उनके द्वारा चलाये जा रहे अभियान के तहत लोगों को प्लास्टिक से हो रहे विभिन्न तरह की बिमारियों के बारे में जागरूक कराया जा रहा है। चम्बा घाटी के मुख्य पानी का स्रोत “हेवल नदी” को मइक्रोप्लास्टिक के खतरे से बचाने का प्रयास वे लगातार 2 वर्षों से करते आ रहे हैं। परिणामस्वरूप उन्होंने चम्बा ब्लॉक के ३ गाँव के पानी के स्त्रोत को प्लास्टिक मुक्त भी किया है। एक वक्तव्य में उन्होंने बताया की इस समय वह पलायन की गंभीर समस्या को पर्यावरण से जोड़कर कैसे रोजगार के अवसर युवा तथा महिलाओं को प्रदान कर सकते हैं इस पर वह कार्यरत हैं। वर्ष 2023 में उन्हें उनके कार्य के लिए भारत सरकार के पूर्व सचिव डॉ कमल टावरी द्वारा सम्मानित भी किया गया था। जनवरी माह में नाशिक में सम्पन्न हुए राष्ट्रीय युवा महोत्सव में उत्तराखंड के तरफ से उनकी भागीदारी देखने को मिली थी।
पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए हेमंती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र आयुष वर्मा द्वारा चलाया जा रहा है अभियान किया जा रहा जागरूक
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