गंगा विचार मंच उत्तराखंड द्वारा माँ गंगा के मायके उत्तरकाशी में गंगा तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम की शुरू।

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गंगा विचार मंच उत्तराखंड द्वारा माँ गंगा के मायके उत्तरकाशी में गंगा तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम की शुरू।

 

भारत सरकार के जलशक्ति व नमामि गंगे मंत्रालय के तहत 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक गंगा नदी सहित देश की तमाम नदियों के किनारों पर नदी उत्सवों का भव्य आयोजन चल रहा है। इसी क्रम में माँ गंगा के उदगम जिले उत्तरकाशी में गंगा तट पर केदारघाट पर मोक्ष घाट की स्थिति काफ़ी चिंताजनक है। यहां पर गंदगी का साम्राज्य बना हुवा है।

गंगा विचार मंच उत्तराखंड माँ गंगा के मायके उत्तरकाशी में गंगा तटों को स्वच्छ बनाने की मुहिम शुरू की है।

गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने आज सिंचाई विभाग के अधिकारियों व नगरपालिका उत्तरकाशी के अध्यक्ष श्री रमेश सेमवाल व सभासद महावीर चौहान व अन्य अधिकारियों के साथ केदारघाट स्थित मोक्ष घाट का निरीक्षण किया।


गंगा तट पर फैली गंदगी व अव्यवस्था को दूर करने के लिए मौके पर कार्ययोजना तैयार की गई।। दरअसल उत्तरकाशी में माँ गंगा के तट पर मोक्ष घाट की स्थिति काफी दयनीय है। चारो तरफ गंदगी व अधजली लकड़ियों का ढेर लगा है। जली चिताओं की राख व पुराने कपड़ों से घाट अटा पड़ा है। गंगा में आजकल बहाव कम व जलधारा कम हो चुकी है। लोग घाट को छोड़कर दूर गंगा की जलधारा के समीप शवों को जला रहे हैं।।
गंगा विचार मंच के प्रदेश संयोजक लोकेन्द्र सिंह बिष्ट कहते हैं कि लोग इतनी जल्दी में हैं कि चिता को पूरी भी नहीं जलने देते हैं और शवों को अधजला छोड़ गंगा की धारा में धकेल देते हैं। और चिता की शेष जल रही लकड़ियों को बुझाकर उन्हें भी नदी की धारा में बह देते है। शवों के साथ आये कपड़े कफन, गूल, अर्थी की लकड़ी, घरों से मृत लोगोंबके पुराने व इस्तेमाल किये कपड़ों के गठहर नदी तट पर फेंक देते है। मृत व्यक्ति के परिवारजन बड़ी संख्या में नदीतट पर ही मुंडन करते हैं। चारों तरफ कटे बाल इधर उधर विखरे रहते हैं। अधजले शवों के अवशेषों को नदी में बहा देते हैं जो थोड़ा आगे बहकर किनारे लग जाते हैं जिन्हें आवारा कुत्तों द्वारा नोचना देखा जाना आम है।।ये सब मिलकर यहां के खूबसूरत दृश्यों को बदसूरत और भयानक बना देते हैं। इन दृश्यों को देखकर कोई भी विचलित हो सकता है।।
यहां का वातावरण व दृश्य काफी डरावना बना रहता है।
आज निरीक्षण में पाया गया कि गंगा नदी की जलधारा अपने किनारों से काफी दूर जा चुकी है। जिसके चलते लोग शवों को और आगे ले जाते हैं।।
ये तय किया गया कि गंगा की जलधारा को बांध बनाकर किनारे लाया जाएगा। ताकि लोग शवों का अंतिम संस्कार बीच नदी के बजाय किनारों पर करें।
इससे पहले गंगा को स्वच्छ करने की पहल के लिए गंगा विचार मंच के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित से मीटिंग की। जिस बैठक में सिंचाई विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि माँ गंगा को स्वच्छ, निर्मल व अविरल बनाने के लिए जन सहभागिता की भी आवश्यकता है।।
नगरपालिका के अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि वे भी गंगा को निर्मल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जयपाल सिंह रावत ने कहा कि वे शीघ्र ही नदी की जलधारा को किनारों पर लाने के कार्य व नदी तट पर शवों को जलाने के लिए एक प्लेटफार्म का निर्माण करेंगे।

 

 


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