बद्रीनाथ मंदिर के कपाट विधि विधान मंत्रो उच्चारण के साथ शीतकालीन के लिए बंद

Spread the love

भू-बैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ मंदिर के कपाट शनिवार, 19 नवंबर को शुभ मुहूर्त में सांय 3.35 बजे पूरी विधि विधान, वैदिक परम्परा एवं मंत्रोचारण के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए। पंच पूजाओं के साथ शुरू हुई कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतिम दिन भगवान नारायण की विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्य पुजारी रावल जी, मंदिर समिति के सदस्यों एवं सैकड़ों श्रद्वालुओं की मौजूदगी में भगवान बद्री विशाल जी के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए बंद किए गए। कपाट बंद होते समय आर्मी के मधुर बैंड ध्वनि ने सबको भावुक कर दिया। कपाट बंद होने से पूर्व भगवान को घृत कम्बल पहनाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्वालुओं ने भगवान के कपाट बंद होने की प्रक्रिया देखी। पूरी बदरीनाथपुरी जय बदरी विशाल के उद्घोष के साथ गूंज उठी। मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी नम्बूदरी ने इस वर्ष की अंतिम पूजा की। कपाट बंद होने का माहौल अत्यंत धार्मिक मान्यताओं, परम्पराओं के साथ हुआ। कपाट बंद होने के अवसर पर बडी संख्या में श्रद्वालुओ ने पूरे भाव भक्ति से भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए। जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकडों के अनुसार इस वर्ष 17 लाख 58 हजार, 789 श्रद्वालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए बद्रीनाथ पहुॅचे।


Spread the love
error: Content is protected !!