गांव वापसी संवाद सम्मेलन में भागीरथ सम्मान से नवाजी गई ऋषिकेश की प्रतिभाएं

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गांव वापसी संवाद सम्मेलन में भगीरथ सम्मान से नवाजी गई ऋषिकेश की प्रतिभाएं

 

उत्तराखण्ड टिहरी के सेमनागराजा की धरती पर हेरवाल गांव में आयोजित तीन दिवसीय गांव वापसी संवाद सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर गंभीर चिंतन मंथन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों ने राज्य विकास पर चर्चा करते हुए इस बात पर अपनी राय रखी कि वर्ष 2047 तक राज्य का स्वरूप कैसा हो। योगनगरी ऋषिकेश के समाजसेवी और अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने कहा कि समाज में चेतना के लिए बुनियादी शिक्षा को सरल बनाना होगा। उन्होंने पहाड़ो से रोजगार के लिए लगातार जारी पलायन के साथ बोली, भाषा एवं संस्कृति के भी हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए लोकभाषा को पाठ्यक्रम में आवश्यक रूप से लागू करने पर जोर दिया। शिक्षा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने कहा कि प्रकृति और संस्कृति की अवहेलना मानव पर भारी पड़ रही है। आजादी के 75 वर्षों और राज्य स्थापना के 23 वर्षों बाद भी भीमल विकास बोर्ड का गठन न हो पाना दुर्भाग्यपूर्ण बात है। पर्यावरण विशेषज्ञ विनोद जुगलान ने कहा कि बंजर और भुतहा हो रहे गांवों को पुर्न विकसित करने के यह असम की विश्व विख्यात भूत झोलकिया मिर्च वरदान साबित हो सकती है। उन्होंने राज्यनेतृत्व और नीतिकारों को इस ओर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा पहाड़ में खनन से आर्थिकी नहीं लाई जा सकती है पहाड़ के लिए विकास की नीतियां पहाड़ के अनुरूप बननी चाहिए। पर्यावरण की अवहेलना करने वाले प्रमुख पांच देशों की संयुक्त राष्ट्र में शिकाययत करने वाली ग्रेटा थनबर्ग की सहयोगी रही भारतीय छात्रा पर्यावरण कार्यकर्ता रिधिमा पाण्डेय ने कहा केदारनाथ और जोशीमठ की आपदाओं से हमें सीख लेने की जरूरत है वरना आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। कार्यक्रम के समापन पर ऋषिकेश में स्वास्थ्य, शिक्षा ओर लोकभाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए डॉ राजे नेगी, पर्यावरण के क्षेत्र में निरन्तर कार्यरत रहने और पर्यारण में नवाचार के लिए विनोद जुगलान को, पर्यावरण जागरूकता के लिए कु रिधिमा पाण्डेय को भगीरथ सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार ग्रीन स्कूल के संस्थापक वीरेंद्र रावत ने हेरवाल गांव में गांव वापसी के तहत गुरुकुल पद्धति पर आधारित हरित विद्यालय संचालन का संकल्प लिया। कार्यक्रम में धर्माचार्य पण्डित वेद प्रकाश भट्ट, सेमनागराजा के पुजारी पण्डित रविन्द्र भट्ट, विधि विशेषज्ञ सेमनागराजा उपासक एडवोकेट लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र रावत, साहित्यकार डॉ बलवीर सिंह रावत, डॉ मयंक भट्ट, गजेंद्र सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह रावत, डॉ मीना नेगी, युवा उद्यमी श्रुति लखेड़ा, सुधा जोशी, नीरज बावड़ी, तहसीलदार प्रतापनगर राजेन्द्र गुनसौला, लम्बगांव के थानाध्यक्ष महिपाल सिंह रावत, डॉ धीरेंद्र रांगड़, अंकित व्यास, ग्राफिक ऐरा के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी संजय जसौला अपने स्वयं स्वयं सेवियों के साथ उपस्थित थे।


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