स्लग -द्वाराहाट में मिले पुरातात्विक अवशेष
अल्मोड़ा जनपद पुरातत्व के लिहाज से अपना विशेष स्थान रखता है। जिसमें आदिमानवों द्वारा बनाए गए शैलचित्र, शैलाश्रय, गुफाएं, कंदराये देखने को मिलती है।
इसी कड़ी में कत्यूरी काल के मंदिरों और जलाशयों के शहर के नाम से द्वाराहाट शहर का अपना महत्व है।
जिसमें पुरातात्विक अवशेष के रूप में इस शहर को चांचरीधार, चंद्रेश्वर और धरमगांव नाम से तीन भागों में विभाजित किया गया।
द्वाराहाट में खीरगंगा नदी के पास ही पुरातात्विक अवशेष मिले है जिसमें अब तक की सबसे बड़ी ओखली देखने को मिली है जिसका व्यास 51 सेंटीमीटर और व्यास 30 सेंटीमीटर है।
साथ ही भीमसेन का तवा नामक चट्टान भी देखने को मिली है।
जिसका जिक्र उत्तराखंड के मशहूर पुरातत्वविद पद्मश्री डॉ यशोधर मठपाल की पुस्तक रॉक आर्ट इन कुमाऊं हिमालया में भी किया गया है।