अखिल भारतीय संत समिति ने डीजीपी को भेजा ज्ञापन, तीर्थनगरी में साधु संत के वेश में घूम रहे अपराधियों की पहचान के लिए की सत्यापन करने की मांग
तीर्थनगरी में साधु संत के वेश में घूम रहे अपराधियों की पहचान के लिए सत्यापन करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने सोमवार को डीजीपी को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन के माध्यम से महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने अवगत कराया कि तीर्थनगरी के लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, तपोवन, ऋषिकेश आदि जगहों पर कुछ बाहरी लोग साधु संत के वेष में घूमकर तीर्थनगरी की छवि को धूमिल कर रहे हैं। यह लोग बांगलादेशी और अन्य देशों से आकर त्रिवेणी घाट समेत गंगा किनारे और तटों पर अपना रेन बसेरा बना रहे हैं और पर्यटकों और सैलानियों को स्मैक, चरस आदि की सप्लाई करते हैं। हाल ही में थाना मुनि की रेती क्षेत्र में हरियाणा निवासी एक फक्कड बाबा ने एक युवक को स्मैक और कुछ पैसे के लिए मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से तीर्थनगरी के संत समाज आहत हुए हैं। इससे संत समाज की छवि धूमिल हो रही है। तीर्थनगरी में लाखों तादाद में देश-विदेश के पर्यटक और सैलानी आते हैं। अप्रैल महीने से चारधाम यात्रा का आगाज होने जा रहा है। तीर्थनगरी में जी-20 के कार्यक्रम भी आयोजित होने हैं। जो सुरक्षा की दृष्टि से ठीक नहीं है। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति दोबारा न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन को तीर्थनगर में सत्यापन अभियान चलाकर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि ऐसा न हुआ तो संत समाज सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। ज्ञापन भेजने वालों में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज, स्वामी केशव स्वरूप, ब्रह्मचारी स्वामी चेतन स्वरूप महाराज, स्वामी आलोक हरि महाराज, स्वामी प्रमोद दास महाराज, स्वामी नारायण दास, साध्वी स्वतंत्रता चैतन्यय, स्वामी राम पदम, दास तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज आदि संत उपस्थित थे।