अब बोलेगी कठपुतली – वनों को आग से बचाने के लिए द हंस फाउंडेशन द्वारा जागरूकता कार्यक्रम हाल ही वन विभाग द्वारा सर्दियों में वनों में लगने वाली आग से वनों को बचाने के लिए अलर्ट जारी किया है । बता दें कि विगत वर्ष से उत्तराखण्ड में गर्मियों में आग की घटनायें होने के साथ ही अब सर्दियों में भी आग की घटनायें होने लगी है । उत्तराखण्ड के वनों को आग से बचाने के लिए द हंस फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2022 की शुरुआत से जन मानस को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है । इसी क्रम में द हंस फाउंडेशन द्वारा टिहरी वन प्रभाग के साथ मिलकर राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज , अंजनीसैंण , सरस्वती विद्या इण्टर कॉलेज , जाखनीचार रा ० इ ० का ० बड़कोट , रावइ ० का ० गालुङधार , सरस्वती विद्या मंदिर रजाखेत व ग्राम मड़वाड़ा में स्कूली छात्रा – छात्राओं व जनमानस को वनों को आग से बचाने के लिए कठपुतली माध्यम से जागरूक किया गया । कठपुतली के माध्यम से संचार जन चेतना ट्रस्ट के कलाकारों द्वारा संदेश दिया गया कि वनों का हमारे जीवन में क्या महत्व है तथा किस प्रकार जाने अनजाने हम लोग अपने वनों को आग से नुकसान पहुंचा रहे हैं । प्रसिद्ध पपेटर रामलाल एवं उनके साथी कलाकारों द्वारा कठपुतली के माध्यम से बतलाया कि वन नहीं होगे तो हम नहीं होगे , क्योंकि यदि वन नहीं नहीं रहेंगे तो न ही वन्य जीव रहेगें , न ही पानी बचेगा और न ही हमारी खेती और जीवन बचेगा । कठपुतली बोलती है कि हमें फिर से एकजुट होकर आगे आना होगा तथा अपने उत्तराखण्ड के वनों को बचाना होगा , यदि आज हमने अपनी बहुमूल्य वन संपदा को नहीं बचाया तो कल बहुत पछताना पड़ेगा । द हंस फाउंडेशन द्वारा उत्तराखण्ड के बनों को आग से बचाने हेतु वन विभाग के साथ मिलकर पौड़ी एवं टिहरी गढ़वाल के 500 ग्रामों में यह परियोजना चलायी जा रही है , जिसमें वृहद स्तर पर जन – जागरूकता के साथ ही ग्राम स्तर पर 2500 फायर फायटर्स का चयन किया गया है , इन चयनित ग्रामीणों को फाउंडेशन द्वारा वनाग्नि प्रबन्धन हेतु प्रशिक्षण तथा आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध कराये जा रहे है । हाल ही में द हंस फाउंडेशन द्वारा चयनित 2500 फायर फायटर्स को सुरक्षा प्रदान करने प्रत्येक का 5 लाख का दुर्घटना बीमा भी कराया गया है । कठपुतली नाटक कार्यक्रम में द इस फाउंडेशन से परियोजना प्रबन्धक मनोज जोशी , परियोजना समन्वयक रजनीश रावत एवं अन्य स्टॉफ , वन विभाग के कार्मिक , संचार जन चेतना के कलाकार अध्यापकगण , ग्रामीण एवं स्कूली छात्र – छात्रायें उपस्थित रहें ।
बलवंत रावत
संपादक